PLI Scheme – 60 Lakh Employment
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PLI Scheme – 60 lakh people will get employment
Production Linked Incentive (PLI) Scheme) – 60 lakh people will get employment. A five-year PLI scheme was launched by the government with an aim to boost domestic manufacturing and cut import bills. 14 sectors were selected for the PLI scheme in the country. These include sectors such as IT hardware including automobiles, textiles, food production. Under this scheme, it was proposed to spend Rs 1.97 lakh crore. The Production Linked Incentive (PLI) scheme launched by the government is succeeding in attracting investors. According to the latest released data, investment of Rs 2.34 lakh crore has come under this scheme in 14 sectors. This figure has been presented on the basis of data collected from various ministries.
पीएलआई योजना – 60 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
PLI Scheme – 60 lakh people will get employment
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना : सरकार की ओर से पांच साल के लिए पीएलआई योजना घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और आयात बिलों में कटौती करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। देश में पीएलआई स्कीम के लिए 14 सेक्टरों का चयन किया गया था। इनमें ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोडक्शन सहित आईटी हार्डवेयर जैसे क्षेत्र शामिल किए गए हैं। इसके योजना के तहत 1.97 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव दिया गया था।
सरकार की ओर से शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना निवेशकों को आकर्षित करने में सफल हो रही है। ताजा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 14 सेक्टरों में इस योजना के तहत 2.34 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है। ये आंकड़ा विभिन्न मंत्रालयों से इकठ्ठा किए गए डाटा के आधार पर पेश किया गया है।
Under the PLI scheme, in which sector, how much investment is being prepared?
- Automobiles and auto components – 57,000 crore
- Mobile manufacturing and electronic components-40,951 crore
- Manufacturing of medical devices and pharmaceuticals – 3,420 crore
- Pharma and Drug Sector – 15,000 crore
- Textile Sector – 10,683 crore
- Telecom Network and Infrastructure – 12,000 crore
- Food Products Sector-10,900 crore
- Solar Photovoltaic Sector-4,500 crore
- Advance Chemical Cell Battery – 18,100 crores
- Electronic Technology Production – 5,000 crores
- Special Steel-6,322 crore
- White Goods (AC & LED)-6,238 crore
पीएलआई योजना से 60.23 लाख नौकरियां पैदा होंगी
PLI Scheme – 60 lakh people will get employment
रिपोर्ट के अनुसार, पीएलआई योजना के तहत निवेश में बढ़ोतरी राहत देने वाली खबर है। आंकड़ों को देखकर लगता है कि अब सरकार की ओर से शुरू की गई इस योजना का असर साफ दिखाई देने लगा है। इसमें कहा गया कि सरकार को आने वाले पांच वर्षों में इस योजना से संबंद्ध अभी सेक्टरों में करीब 60 लाख 45 हजार नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
Which sectors to choose for PLI scheme
पीएलआई योजना के लिए किन सेक्टरों का चयन
पीएलआई योजना के तहत निवेश को आकर्षित करने के मामले में ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरीज और स्टील व सोलर पैनल सेक्टर सबसे आगे रहे हैं। इस संबंध में जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार को इसके जरिए 28.15 लाख करोड़ रुपये का आउटपुट मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा पीएलआई स्कीम के तहत आने वाले निवेश में वृद्धि देश रोजगार के क्षेत्र में भी बेहद फायदेमंद साबित होने वाली है।
Production Linked Incentive (PLI) Budget
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश किया. इस बजट में सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई ऐलान किए हैं. इसमें Production Linked Incentive (PLI) से संबंधित ऐलान भी शामिल हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि 2030 तक 280 गीगावॉट की इंस्टॉल्ड सोलर कैपिसिटी हासिल करने को लेकर घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को बढ़ावा देने के लिए 19,500 करोड़ रुपये का एडिशनल एलोकेशन किया गया है. इससे अधिक एफिशिएंसी वाले मॉड्युल के प्रोडक्शन में मदद मिलेगी.
क्या है पीएलआई योजना?
- क्या है पीएलआई स्कीम घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और आयात बिलों में कटौती करने के लिए, मार्च 2020 में पीएलआई योजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री में वृद्धि पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना है।
- देश में पीएलआई स्कीम के लिए 13 क्षेत्रों का चुनाव किया गया है। इनमें ऑटोमोबाइल, लैपटॉप, मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरण, व्हाइट गुड्स इंडस्ट्री, रासायनिक सेल, टेक्सटाइल, फूड प्रोडक्शन सहित आईटी हार्डवेयर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके तहत सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को 1.97 लाख करोड़ का अलग-अलग मद में प्रोत्साहन देगी।
- भारत में विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने के अलावा, इस योजना का उद्देश्य स्थानीय कंपनियों को मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना या विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।
- रोजगार बढ़ाने में होगी सहायक बजट में पीएलआई स्कीम से जुड़ी योजनाओं के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- प्रोडक्शन का औसतन 5 प्रतिशत इंसेंटिव के रूप में दिया गया है। यानि सिर्फ पीएलआई स्कीम के द्वारा ही आने वाले 5 सालों में लगभग 520 बिलियन डॉलर का प्रोडक्शन भारत में होने का अनुमान है। इसके अलावा जिन सेक्टर के लिए पीएलआई योजना बनाई गई है, उन सेक्टर में अभी जितनी वर्क फोर्स काम कर रही है, वो करीब-करीब दोगुनी हो जाएगी।
- इंडस्ट्री को तो प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट में लाभ होगा ही, देश में आय बढ़ने से जो डिमांड बढ़ेगी, उसका भी लाभ होगा, यानि दोगुना फायदा। वहीं इस स्कीम का एक व्यापक असर देश की MSME सेक्टर पर होने वाला है।
- दरअसल, हर सेक्टर में जो सहायक यूनिट बनेंगे, उनको पूरी वैल्यू चेन में नए सप्लायर बेस की जरूरत होगी। ये जो सहायक यूनिट होंगे, ज्यादातर MSME सेक्टर में ही बनेंगी। MSME को ऐसे ही अवसरों के लिए तैयार करने का काम पहले ही शुरू किया जा चुका है।
Benefits of PLI Scheme
पीएलआई योजना फायदा
- भारत में इकाइयों को स्थापित करने के लिए विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करेगी। हमारी दवाइयां, वैक्सीन, गाड़ियां, फोन आदि हमारे देश में ही बनें इस दिशा में पीएलआई स्कीम बड़ा कदम माना जा रहा है।
- मार्च में पीएम मोदी ने पीएलआई स्कीम के बारे में बताते हुए कहा था कि पिछले साल मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के निर्माण के लिए PLI स्कीम लॉन्च की थी।
- कोरोना काल के दौरान भी इस सेक्टर में बीते साल 35 हजार करोड़ रुपए का प्रोडक्शन हुआ।
- यही नहीं, कोरोना के इस कालखंड में भी इस सेक्टर में करीब-करीब 1300 करोड़ रुपए का नया इनवेंस्ट आया हुआ है। इससे हजारों नई जॉब्स इस सेक्टर में तैयार हुई हैं।
- सरकार मेड इन इंडिया के जरिए प्रोडक्शन को बढ़ाने पर जोर दे रही है। इससे न सिर्फ उत्पाद देश में बन कर मिलेंगे, बल्कि रोजगार भी बढ़ेगा।
- खास बात ये है कि पीएलआई स्कीम के तहत कई क्षेत्र ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों पर फोकस कर रहे हैं। टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग का क्षेत्र ऐसा ही है।
PLI Scheme Registration & Application Process
1 | Application shall be submitted and accepted on the online portal (https://www.pli-telecom.udyamimitra.in). |
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2 | Applicants are required to register on the portal before filling the application form and upload 3 documents, namely –
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3 | On submission of the above information, a mail will be sent to the Nodal Officer’s e-mail id with a link for verification for mobile number. |
4 | The information and documents submitted will be checked by PMA and once this process is completed, Applicant will receive a mail towards successful registration on the Portal within 2 working days. |
5 | After the registration process, Nodal Officer will be able to Sign-in the Portal by using his registered mobile number and OTP and start the submission of application. The application format can also be accessed at https://pli-telecom.udyamimitra.in/Schemes/SchemeInstructions. The above format is provided only for understanding the information required to be submitted online. However, the application can only be submitted online at the portal. |
6 | The section – 3 (commitment section) of the application is to be password protected before submission. The section 3 will get unlocked at close of the application submission period and would then be available for scrutiny of the submitted application by PMA/DoT. |
7 | The applicant needs to pay non-refundable application fee of Rs.1 Lakh by RTGS / NEFT in the bank details as under:
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8 | On receipt of the application, an initial scrutiny shall be carried out by the PMA to ascertain that the information, documents, certificates, proof of deposit of application fees etc. as required under the Scheme have been submitted, within 15 working days from the last date of Application submission. Deficiencies, if any, found in the applications during the initial scrutiny shall be intimated to the Applicants. |
9 | The applicant shall rectify the deficiency within 15 working days from the date of intimation of the deficiency by PMA failing which the application may be marked ineligible for the Scheme. After completion of the scrutiny process, the list of shortlisted eligible application shall be recommended by PMA to DoT for approval of the Competent Authority. |
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