यूजीसी की ई-पाठशाला – 700 से ज्यादा ई-बुक्स और 70 विषयों के 22 हजार से ज्यादा चैप्टर उपलब्ध

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UGC E Pathshala-www.ugc.ac.in – Students studying in universities will no longer need to buy expensive books from the market. The University Grants Commission (UGC) has uploaded more than 700 e-books under e-PG Pathshala and e-PG studies in its e-books column on its website www.ugc.ac.in. Know More About UGC E Pathshala-www.ugc.ac.in

विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अब बाजार से महंगी किताबें खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ई-पीजी पाठशाला और ई-पीजी अध्ययन के तहत 700 से ज्यादा ई-बुक्स को अपनी वेबसाइट www.ugc.ac.in पर ई-बुक्स कॉलम में अपलोड कर दिया है।

इसी तरह 70 विषयों के 22 हजार से ज्यादा चैप्टर उपलब्ध करवाए गए हैं। गौरतलब है कि यूजी-पीजी के छात्रों को अपने कोर्स को पूरा करने के लिए अलग-अलग किताबों को खरीदना पड़ता है। यूजीसी ने छात्रों की सुविधा के लिए विषय को भी अलग-अलग हिस्सों में बांटा है और संबंधित टॉपिक पर ही सैकड़ों तरह का ई-कटेंट इस प्लेटफॉर्म पर लोड किया है।

19 हजार से ज्यादा वीडियो… अब प्रदेश में भी तैयार करवा रहे ई-कंटेंट

खास बात यह है कि ई-बुक्स और ई-कंटेंट के अलावा 19 हजार से ज्यादा वीडियो भी विभिन्न विषयों से संबंधित हैं। छात्र सीधे पोर्टल पर जाकर इन्हें एक्सेस कर सकता है। खास बात यह है कि प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने भी इस दिशा में काम शुरू किया है और यहां भी विषय विशेषज्ञों से ई-कंटेंट तैयार करवाया जा रहा है।

इन विषयों का ई-कंटेंट उपलब्ध

एडल्ट एजुकेशन, आर्किटेक्चर, बायोफिजिक्स, कंप्यूटर साइंस, इकोनॉमिक्स, जूलॉजी, संस्कृत, इंग्लिश, कॉमर्स, एजुकेशन हिंदी, होमसाइंस, मीडिया एंड कम्युनिकेशन स्टडीज, लाॅ, गणित, बायो टेक्नोलॉजी, संस्कृत, समाजशास्त्र सहित अन्य विषय।

बुक्स देखने क्या करना होगा

छात्रों को यूजीसी के पोर्टल पर जाकर ई-पीजी पाठशाला या ई अध्यययन (ई बुक्स) पर क्लिक करना होगा। इसके बाद विषयाें की लिस्ट नजर आएगी। इस पर क्लिक कर संबंधित विषय को भी विभिन्न हिस्सों में बांटा गया है। जो भी कंटेंट छात्र को पढ़ना होगा, वह सीधे पढ़ सकता है।

मप्र में भी हो रहा काम- उच्च शिक्षा विभाग भी मप्र के छात्रों के लिए ई-कंटेंट तैयार करवा रहा है। अपर आयुक्त सीएस वालिंबे के मुताबिक छात्रों के लिए यह उपयोगी रहेगा।

छात्र-छात्राओं को फायदा… एक साल में किताबों पर होने वाला हजारों रुपए का खर्च बचने लगेगा

अधिकारियों के मुताबिक छात्र एक साल में किताबों पर तीन से चार हजार रुपए तक औसतन खर्च कर देता है। कई विषयों की किताबें बहुत महंगी आती हैं। अनेक ऐसे विषय होते हैं, जिनमें अलग-अलग अवधारणा समाहित हाेती है। इस वजह से कई किताबों की जरूरत पड़ती है। छात्र को विषय से संबंधित विभिन्न तरह के ई-कंटेंट इसमें उपलब्ध हो जाएंगे। उन्हें इसे बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक प्लेटफॉर्म पर ही छात्र के कोर्स से संबंधित किताबें मिलने पर उन्हें पढ़ाई करने में भी आसानी होगी। कोरोनाकाल में वैसे भी विवि और कॉलेज लगे नहीं हैं। सभी जगह स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन ही पढ़ाई की है। अब उन्हें इन ऑनलाइन कंटेंट से बहुत फायदा होगा।


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